Do you want to be an IAS from Hindi Medium ?
आई ए एस बनना हममें से सबका नहीं तो बहुतों का सपना होता है और हो भी क्यों ना हमारे देश की सरकारी नौकरियों में इसे सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है। हालांकि इसे एक कठिन परीक्षा माना जाता है परंतु सकारात्मक नजरिये से और शुरू से ही ढंग से तैयारी की जाए तो इसमें सफल होना उसी तरह मुमकिन है जिस तरह किसी अन्य प्रतियोगिता में। दुनिया की सबसे उंची चोटी एवरेस्ट को माना जाता है बावजूद इसके दृढ़ विश्वास के बूते ना जाने कितने लोग उसे हर साल फतह करते हैं। उसी तरह हर साल सफल होने वाले UPSC Toppers के Interviews प्रतियोगी पत्रिकाओं, अखबारों, मीडिया में आते हैं जिनको पढ़कर हर तैयारी करने वाले Civil Service Aspirant को लगता है कि वह भी इन टॉपर्स की तरह बन सकता है और ये सही भी है क्यों कि टॉपर्स हम सबके बीच से ही आते हैं। बस उन्हें दूसरों से जो अलग करता है वो है पूरी योजना और समर्पण के साथ तैयारी।
हिंदी एक ऐसा माध्यम है जिसमें टॉपर्स की संख्या भले अधिक ना हो पर जो इस माध्यम में टॉप करते हैं उनमें एक बात जरूर होती है कि वो अपने हिंदी मीडियम से होने के कारण कभी हीनभावना नहीं महसूस करते जबकि हिन्दी से यूपीएससी परीक्षा देने वालों का बहुत बड़ा वर्ग कहीं ना कहीं खुद को Enlish Medium Aspirants की तुलना में कमतर समझता है और यहीं असफलता का बीजारोपण उनके मन में हो जाता है। ऐसा नहीं है कि हिन्दी माध्यम होना इस परीक्षा में आपके सफल होने पर कोई प्रभाव रखता है केवल हमारा सफलता के प्रति संदेह ही हमें कमजोर कर देता है। हालांकि केवल हिन्दी ही नहीं अन्य बहुत सी भारतीय भाषाओं में भी इस परीक्षा को देने वालों और सफल होने वालों की एक बड़ी संख्या है। प्रारंभिक परीक्षा के पश्चात मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में मायने रखता है आपका ज्ञान और विचारों को व्यक्त करने की आपकी क्षमता और जाहिर है हिन्दी मीडियम से पढ़ने वाले भी ये क्षमताएं अपने परिश्रम द्वारा बखूबी अर्जित कर सकते हैं। और यदि हिन्दी आपकी मातृभाषा रही है और आप उसमें सुविधाजनक तरीके से अपने विचारों को रख सकते हैं तो आपको वही माध्यम चुनना चाहिए। अंग्रेजी माध्यम में भी वही प्रतिभागी सफल होते हैं जो अंग्रेजी पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं और बहुत से अंग्रेजी मीडियम वाले छात्र इसमें इसलिए असफल होते हैं कि वे अंग्रेजी मीडियम से पढ़े तो होते हैं पर उनकी अभिव्यक्ति और लेखन क्षमता में वो बात नहीं होती या फिर वे दूसरों की देखा देखी इस माध्यम को चुनकर परीक्षा देते हैं। केवल अंग्रेजी आपको इसमें सफलता नहीं दिला सकती पर यदि विषयों पर आपकी जबरदस्त पकड़ है और लेखन के साथ ही अभिव्यक्ति में भी आप खुद को कंफर्टेबल समझते हैं तो माध्यम कोई मायने नहीं रखता। बेधड़क आप किसी भी माध्यम से परीक्षा दीजिए।
हां एक बात और कि Hindi medium से तैयारी के साथ आपको Books और Study Material का चुनाव सावधानी से करना होगा। अच्छी गुणवत्ता की किताबें और नोट्स ही आपको सफल बनाने में मदद करेंगे क्योंकि हिन्दी में सामग्री की तो भरमार है, अनगिनत कोचिंग और प्रतियोगी पत्रिकाएं हैं पर उनमें से ज्यादातर का स्तर बहुत खराब होता है। अंग्रेजी में अच्छी गुणवत्तापूर्ण कोर्स मैटीरियल जहां ज्यादा प्रतिशत में है वहीं हिंदी में कम। इसलिए केवल अच्छी किताबें और मैगजीन्स ही चुनें।
अगले भाग में हम चर्चा करेंगे कि इस माध्यम से परीक्षा की तैयारी के लिए कौन सी किताबें, पत्रिकाएं, अखबार आदि पढ़े जाएं ताकि सफलता सुनिश्चत हो सके।
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आई ए एस बनना हममें से सबका नहीं तो बहुतों का सपना होता है और हो भी क्यों ना हमारे देश की सरकारी नौकरियों में इसे सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है। हालांकि इसे एक कठिन परीक्षा माना जाता है परंतु सकारात्मक नजरिये से और शुरू से ही ढंग से तैयारी की जाए तो इसमें सफल होना उसी तरह मुमकिन है जिस तरह किसी अन्य प्रतियोगिता में। दुनिया की सबसे उंची चोटी एवरेस्ट को माना जाता है बावजूद इसके दृढ़ विश्वास के बूते ना जाने कितने लोग उसे हर साल फतह करते हैं। उसी तरह हर साल सफल होने वाले UPSC Toppers के Interviews प्रतियोगी पत्रिकाओं, अखबारों, मीडिया में आते हैं जिनको पढ़कर हर तैयारी करने वाले Civil Service Aspirant को लगता है कि वह भी इन टॉपर्स की तरह बन सकता है और ये सही भी है क्यों कि टॉपर्स हम सबके बीच से ही आते हैं। बस उन्हें दूसरों से जो अलग करता है वो है पूरी योजना और समर्पण के साथ तैयारी।
हिंदी एक ऐसा माध्यम है जिसमें टॉपर्स की संख्या भले अधिक ना हो पर जो इस माध्यम में टॉप करते हैं उनमें एक बात जरूर होती है कि वो अपने हिंदी मीडियम से होने के कारण कभी हीनभावना नहीं महसूस करते जबकि हिन्दी से यूपीएससी परीक्षा देने वालों का बहुत बड़ा वर्ग कहीं ना कहीं खुद को Enlish Medium Aspirants की तुलना में कमतर समझता है और यहीं असफलता का बीजारोपण उनके मन में हो जाता है। ऐसा नहीं है कि हिन्दी माध्यम होना इस परीक्षा में आपके सफल होने पर कोई प्रभाव रखता है केवल हमारा सफलता के प्रति संदेह ही हमें कमजोर कर देता है। हालांकि केवल हिन्दी ही नहीं अन्य बहुत सी भारतीय भाषाओं में भी इस परीक्षा को देने वालों और सफल होने वालों की एक बड़ी संख्या है। प्रारंभिक परीक्षा के पश्चात मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में मायने रखता है आपका ज्ञान और विचारों को व्यक्त करने की आपकी क्षमता और जाहिर है हिन्दी मीडियम से पढ़ने वाले भी ये क्षमताएं अपने परिश्रम द्वारा बखूबी अर्जित कर सकते हैं। और यदि हिन्दी आपकी मातृभाषा रही है और आप उसमें सुविधाजनक तरीके से अपने विचारों को रख सकते हैं तो आपको वही माध्यम चुनना चाहिए। अंग्रेजी माध्यम में भी वही प्रतिभागी सफल होते हैं जो अंग्रेजी पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं और बहुत से अंग्रेजी मीडियम वाले छात्र इसमें इसलिए असफल होते हैं कि वे अंग्रेजी मीडियम से पढ़े तो होते हैं पर उनकी अभिव्यक्ति और लेखन क्षमता में वो बात नहीं होती या फिर वे दूसरों की देखा देखी इस माध्यम को चुनकर परीक्षा देते हैं। केवल अंग्रेजी आपको इसमें सफलता नहीं दिला सकती पर यदि विषयों पर आपकी जबरदस्त पकड़ है और लेखन के साथ ही अभिव्यक्ति में भी आप खुद को कंफर्टेबल समझते हैं तो माध्यम कोई मायने नहीं रखता। बेधड़क आप किसी भी माध्यम से परीक्षा दीजिए।
हां एक बात और कि Hindi medium से तैयारी के साथ आपको Books और Study Material का चुनाव सावधानी से करना होगा। अच्छी गुणवत्ता की किताबें और नोट्स ही आपको सफल बनाने में मदद करेंगे क्योंकि हिन्दी में सामग्री की तो भरमार है, अनगिनत कोचिंग और प्रतियोगी पत्रिकाएं हैं पर उनमें से ज्यादातर का स्तर बहुत खराब होता है। अंग्रेजी में अच्छी गुणवत्तापूर्ण कोर्स मैटीरियल जहां ज्यादा प्रतिशत में है वहीं हिंदी में कम। इसलिए केवल अच्छी किताबें और मैगजीन्स ही चुनें।
अगले भाग में हम चर्चा करेंगे कि इस माध्यम से परीक्षा की तैयारी के लिए कौन सी किताबें, पत्रिकाएं, अखबार आदि पढ़े जाएं ताकि सफलता सुनिश्चत हो सके।